15-Must Watch New Chutcule Comedy
कि जैसलमेर से बीकानेर बस रूट पर बीच में
एक बड़ा सा गांव है जिसका नाम है नाचणा
वहां से बस आती है तो लोग कहते हैं कि
नाचने वाली बस आ गए कंडक्टर भी बस रुकते
ही चिलाता नाचने वाली सवारियां उतर जाएं
बस आगे जाएगी इमरजेंसी में रायता एक
नौजवान अधिकारी जैसलमेर आया रात बहुत हो
चुकी थी वह सीधे थाने पहुंचा और ड्यूटी पर
तैनात सिपाही से पूछा थानेदार साहब कहां
है सिपाही ने जवाब दिया हंै दार साहब
नाचने गए हैं और अफसर का माथा ठनका उसने
पूछा डिप्टी साहब कहां है बाहे ने
विनम्रता से जवाब दिया हुकूम डिप्टी साहब
नाचने गए हैं अफसर को लगा सिपाही अफीम की
पिनक में है उसने एसपी के नियम घर पर फोन
किया एसपी साहब है जवाब मिला नाचने गए हैं
लेकिन नाचने कहां गए हैं यह तो बताइए
बताया नाचने गए हैं सुबह तक आ जाएंगे
कलेक्टर के घर फोन लगाया वहां भी यही जवाब
मिला साहब तो नाचने गए हैं अफसर का दिमाग
खराब हो गया यह हो क्या रहा है इस
सीमावर्ती जिले में और वह भी इमरजेंसी में
आज खड़ा मुंशी ध्यान से सुन रहा था और वह
बोला हुकूमत बात ऐसी है कि दिल्ली से आज
कोई मिनिस्टर साहब नाचने आए हैं इसलिए सौं
क्रीम लोग भी नाचने गए हैं अब आप सर जी हो
और
आदमी के पास एक गाय थी उसकी आमदनी का खुला
स्रोत बस गांव से मिलने वाला दूध था कि वह
दूध निकलता उसकी पत्नी ने उससे दही बनाती
पनीर बनाती छीना बनाते और आदमी उस गांव
वाले को बेच देता उससे जो पैसे मिलते उसे
उसका गुजारा चल जाता एक बार उसकी पत्नी ने
उसे मक्खन तैयार करके दिया और कहा उसे शहर
में जाकर बेच आए सुना है वहां ज्यादा पैसे
मिलते हैं आदमी मक्खन लें कार्य शहर की ओर
निकल पड़ा उसकी पत्नी ने ढेर सारा मक्खन 1
किलो के गोले के रूप में बनाकर तराजू में
तौल कर उसे दे दिया था आदमी मक्खन लेकर
दुकान में पहुंचा दुकानदार ने मक्खन देखा
और सारा मक्खन खरीद लिया मक्खन के उन
लोगों को उसने फ्रिज में रख दिया आदमी
मक्खन से मिले उन पैसों से आटा चावल दाल
चीनी वगैरह खरीद कर लौट आया आदमी के चले
जाने के बाद अचानक दुकानदार को लगा क्यों
से उन मक्खन के गोलों को तौल कर देखना
चाहिए कि क्या सचमुच वह एक-एक किलो के हैं
तो ऐसे आदमी तो ईमानदार लग रहा था फिर भी
जांच करने में क्या बुराई है उसने मक्खन
के एक गोले कुत्ता आंवला यह गोला 100
ग्राम कर्व था दूसरा धोला धोला वह भी 100
ग्राम कम था दुकानदार ने एक-एक कर के सारे
गुण तौले सभी गुल 100 ग्राम कम थे के दो
दिन बाद गांव से वही आदमी फिर मक्खन लेकर
दुकान में पहुंचा उसने दुकान से राम राम
की और 1 किलो के मक्खन के गोले उसके सामने
रख दिए दुकानदार उसे देखते ही बिफर पड़ा
तुम चोर हो मैं मान हो झूठे हो मक्कार हो
तुम पर भरोसा करके मैं तेरे बिना तो लें
हुए तुमसे मक्खन के गोले एक-एक किलो समझ
कर ले लिए पर सारे गोले 9 ग्राम के निकले
आदमी ही हुजूर ऐसा नहीं हो सकता कोई
न कोई भूल हुई है आपसे तौलने में मेरी
पत्नी ने अपने हाथों से एक-एक गोले को
तलाश है और तो और हमारे पास तो तौलने के
लिए किलों का बाट तक नहीं मैं जो एक किलो
चीनी आपसे खरीद कर ले जाता हूं उसे ही
मेरी पत्नी तराजू के दूसरे पलड़े पर रखती
है और उसे से मक्खन तो होती हैं यह सुनकर
दुकानदार सकते में आ गया और सच यही है कि
हम जो देते हैं वही पाते हैं चाहे बात
इज्जत की हो सम्मान की हो या फिर धोखे की
हो पाप मोदीजी अब
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