Chutkule and Jokes
किसी गांव में एक व्यक्ति रहता था वह बहुत ही भला था लेकिन उसमें एक दुर्गुण भी था वह हर काम को टाला करता था वह मानता था कि जो कुछ होता है भाग्य से होता है एक दिन एक साधु के पास आया उस व्यक्ति ने साधु की बहुत सेवा की उसकी सेवा से खुश होकर साधु ने पारस पत्थर देते हुए कहा मैं तुम्हारी सेवा से प्रसन्न हो इसलिए मैं तुम्हें यह पारस पत्थर दे रहा हूं सात दिन बाद मैं इसे तुम्हारे पास से ले जाऊंगा इस बीच तुम जितना चाहो उतना सोना यह बना लेना उस व्यक्ति को लोहा नहीं मिल रहा था अपने घर में लोहा तलाश किया थोड़ा सा लोहा मिला तो उसने उसका सूना बनाकर बाजार में बेच दिया और कुछ सामान ले आया अगले दिन वह लोहा खरीदने के लिए बाजार गया तो उस समय लोहा मांगा मिल रहा था यह देखकर वह व्यक्ति घर लौट आया तीन दिन बाद वह फिर बाजार गया रूप से पता चला कि इस बार लोहा और भी महंगा हो गया है इसलिए वह लोहा बिना खरीदे हैं वह वापस लौट गया उसने सोचा एक दिन तो जरूर लोहा सस्ता होगा जब सस्ता हो जाएगा तभी खरीदेंगे यह सोचकर उसने लोहा खरीदा ही नहीं आठवें दिन साधु पारस लेने के लिए उसके पास आ गए व्यक्ति ने कहा मेरा तो सारा समय ऐसे ह...